
भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित रूपकुंड झील, जिसे “Skeleton Lake” यानी कंकालों की झील के नाम से जाना जाता है, दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक मानी जाती है। समुद्र तल से लगभग 5,000 मीटर (16,500 फीट) की ऊँचाई पर स्थित यह झील ट्रैकिंग प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध तो है ही, लेकिन इसके पीछे छिपी सच्चाई और रहस्य इसे एक डरावना स्थान भी बनाते हैं।

🦴 कंकालों की खोज
1942 में एक ब्रिटिश फॉरेस्ट गार्ड ने इस झील के किनारे बड़ी संख्या में मानव कंकालों को देखा। पहले तो सोचा गया कि ये शायद सैनिकों के अवशेष हैं, लेकिन जांच के बाद पता चला कि ये कंकाल 1000 साल से भी अधिक पुराने हैं।
जब बर्फ पिघलती है, तब सैकड़ों कंकाल – खोपड़ियाँ, पसलियाँ, और हड्डियाँ – झील के किनारे दिखाई देते हैं।

🔍 वैज्ञानिक जांच और DNA परीक्षण
2004 और फिर 2019 में हुए डीएनए और रेडियोकार्बन परीक्षणों से ये तथ्य सामने आए कि ये कंकाल 9वीं सदी के आसपास के हैं। जांच से यह भी पता चला कि मृतकों के सिर की हड्डियों पर गहरे गोल घाव थे, जो ऊपर से गिरने वाली भारी गोल वस्तु, जैसे बर्फ के ओले, के कारण हो सकते हैं।
👉 इससे वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि यह समूह किसी तीर्थ यात्रा पर था, और बर्फीले तूफान में अचानक और भयानक ओलावृष्टि से मारा गया।

🧕 मृतकों की विविधता
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि सभी मृतक एक ही जाति या जनसमूह के नहीं थे। डीएनए विश्लेषण से पता चला कि कुछ लोग दक्षिण भारत से आए थे, और कुछ स्थानीय पर्वतीय गाइड थे।
इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह कोई धार्मिक यात्रा रही होगी, जिसमें अमीर लोग अपने सेवकों और स्थानीय गाइड्स के साथ निकले थे।
🌫️ रूपकुंड की लोककथाएँ
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, एक राजा और रानी अपने पूरे दरबार के साथ देवी नंदा देवी के मंदिर की यात्रा पर निकले थे, लेकिन उन्होंने यात्रा में संगीत और नृत्य जैसे ऐशो-आराम की चीजें कीं। देवी इससे नाराज हो गईं और उन्होंने सबको ओलों की बारिश से दंडित किया।
🏔️ आज का रूपकुंड
आज भी रूपकुंड झील एक लोकप्रिय ट्रैकिंग डेस्टिनेशन है, लेकिन ये इलाका काफी दुर्गम और खतरनाक है। बर्फबारी, ऑक्सीजन की कमी, और मौसम की मार इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।
हालांकि अब ट्रैकिंग पर कुछ प्रतिबंध लगे हैं ताकि कंकालों को नुकसान न पहुंचे।

🔮 अभी भी अनसुलझा है यह रहस्य
हालांकि विज्ञान ने इस रहस्य को कुछ हद तक सुलझा लिया है, लेकिन सभी सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं:
- इतने सारे लोग एक ही जगह पर क्यों मरे?
- क्या यह सिर्फ एक हादसा था, या कोई धार्मिक दंड?
- कुछ कंकाल 1000 साल पुराने हैं, लेकिन कुछ 200 साल पुराने भी पाए गए – तो क्या यहाँ कई बार मौतें हुईं?
👉 निष्कर्ष
रूपकुंड झील एक ऐसा स्थान है जो प्राकृतिक सौंदर्य, इतिहास, और रहस्य का अद्भुत संगम है। इसकी डरावनी परछाई, हजारों साल पुरानी हड्डियाँ, और लोककथाओं का जाल आज भी सैलानियों को रोमांचित करता है।