
24 नवंबर 1971 — थैंक्सगिविंग से ठीक एक दिन पहले। एक आदमी पोर्टलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा और नॉर्थवेस्ट ओरिएंट एयरलाइंस की फ्लाइट 305 की टिकट खरीदी। उसने अपना नाम “डैन कूपर” बताया।
वह करीब 40 से 45 वर्ष का था, अच्छी कद-काठी का, काले सूट और टाई में पूरी तरह सज्जित। उसके पास एक ब्रीफकेस था और दिखने में वह किसी बिज़नेस ट्रैवलर जैसा लग रहा था। फ्लाइट पोर्टलैंड से सिएटल के लिए केवल 30 मिनट की थी।
लेकिन यह कोई आम सफर नहीं होने वाला था।

✈️ हाइजैक की शुरुआत
जैसे ही फ्लाइट ने उड़ान भरी, डैन कूपर ने फ्लाइट अटेंडेंट फ्लोरेंस शाफनर को एक नोट दिया। पहले तो शाफनर ने उसे नजरअंदाज किया, सोचा कोई फोन नंबर लिखा होगा। लेकिन कूपर ने धीरे से कहा, “मैम, मेरा नोट पढ़िए। मेरे पास बम है।“
नोट में लिखा था कि उसके पास एक बम है और वह चाहता है:
- $200,000 नकद
- चार पैराशूट
- जब फ्लाइट सिएटल में उतरे तो फ्यूल ट्रक और ग्राउंड स्टाफ तैयार हों
- यात्रियों को छोड़ दिया जाए
- और कोई चालाकी न की जाए
फ्लाइट अटेंडेंट को ब्रीफकेस खोलकर बम भी दिखाया गया — जिसमें लाल तार, बैटरी और सिलेंडर जैसी चीजें थीं।

😨 एयरलाइन की सहमति
पायलट ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया। एफबीआई को सूचना दी गई। एयरलाइन कंपनी ने फिरौती की रकम और पैराशूट उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी।
फ्लाइट लगभग 2 घंटे हवा में रही जब तक सिएटल में तैयारी पूरी नहीं हो गई। कूपर बेहद शांत, संयमित और विनम्र था। उसने शराब पी, सिगरेट पी और सभी यात्रियों को नुकसान नहीं पहुँचाया।
जब फ्लाइट लैंड हुई, 36 यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतार दिया गया। उन्हें पता भी नहीं था कि वे हाइजैकिंग का हिस्सा बन चुके थे।

🪂 रहस्यमय छलांग
अब फ्लाइट में केवल कूपर, दो पायलट, एक फ्लाइट इंजीनियर और एक फ्लाइट अटेंडेंट बचे थे। उसने आदेश दिया कि फ्लाइट अब मेक्सिको सिटी जाए — लेकिन कुछ शर्तों पर:
- 10,000 फीट की ऊँचाई पर उड़ान
- बेहद धीमी रफ्तार
- पीछे का दरवाज़ा खुला रखने की व्यवस्था
- लैंडिंग गियर बाहर ही रहे
फ्लाइट ने रात 7:40 पर सिएटल से उड़ान भरी। मौसम खराब था, बारिश और ठंडी हवा। लगभग रात 8 बजे, जब फ्लाइट रेनियर पहाड़ के करीब थी, पायलटों को एक हल्की झटका-सी महसूस हुई।
कूपर, पीछे के दरवाज़े से विमान से कूद चुका था — एक पैराशूट और $200,000 के साथ।

🔍 सबसे बड़ा खोज अभियान
एफबीआई ने इस केस को “NORJAK” (Northwest Hijacking) नाम दिया और अमेरिका का सबसे बड़ा खोज अभियान शुरू हुआ। 800 से ज़्यादा संदिग्धों की जांच हुई। जंगल, नदियाँ, और पहाड़ छान मारे गए, लेकिन कूपर का कोई सुराग नहीं मिला।
एक संभावना ये मानी गई कि वह गिरकर मारा गया होगा, क्योंकि मौसम बेहद खराब था, इलाके खतरनाक थे और वह स्काईडाइविंग प्रोफेशनल नहीं दिख रहा था। लेकिन दूसरी थ्योरी ये कहती है कि वह बड़ी योजना के साथ आया था और कामयाबी से भाग निकला।

💵 मिला कुछ नकद, लेकिन नहीं मिला इंसान
1980 में, एक 8 साल के लड़के को कोलंबिया नदी किनारे $5,800 के सड़े-गले नोट मिले, जो कूपर द्वारा मांगी गई फिरौती से मैच करते थे। यह खोज केस को फिर से चर्चा में ले आई, लेकिन कूपर का कोई पता नहीं चला।
एफबीआई ने इसके बाद कई और संभावित संदिग्धों की जांच की:
- रिचर्ड फ्लॉयड मैककॉय – उसने भी बाद में एक प्लेन हाइजैक किया, लेकिन उसने दावा किया कि वह कूपर नहीं था।
- केनेथ क्रिश्चियनसेन – एक पूर्व पैराट्रूपर और फ्लाइट अटेंडेंट, लेकिन कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला।
- रॉबर्ट रैकस्ट्रॉ – सेना का अनुभवी और झूठ बोलने का रिकॉर्ड रखने वाला व्यक्ति। कुछ डॉक्यूमेंट्रीज़ उसे कूपर मानती हैं, लेकिन आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हुई।

🕵️♂️ केस बंद, लेकिन रहस्य ज़िंदा
2016 में, 45 साल की लंबी जांच के बाद, एफबीआई ने आधिकारिक रूप से केस बंद कर दिया। फिर भी डी.बी. कूपर की कहानी आज भी लोगों को रोमांचित करती है। वह एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिसने अमेरिका में प्लेन हाइजैक कर पैसे लिए और कभी पकड़ा नहीं गया।
🧩 एक आधुनिक रहस्य
कूपर का क्या हुआ — यह आज भी 20वीं सदी के सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों में से एक है। वह मर गया या नया जीवन जी रहा है? वह अपराधी था या हीरो? इस पर बहस आज भी जारी है।
पर एक बात तय है — डी.बी. कूपर हवा में गायब हो गया, और इतिहास में अमर हो गया। हमारे इतिहास के सबसे अनसुलझे रहस्यों में दर्ज हो गया।
